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पारसमणि थे ------ ज्योति जी ! (शंकर व दयानंद परंपरा के वाहक )
गुरु तेगबहादुर-(हिन्द की चादर) --सीस दिआ पर सिरड न दिआ !
अष्ट्रावक्र जिन्हें राजा जनक ने गुरु स्वीकार किया ----- !
शुभ दीपावली -----अधर्म पर धर्म का विजय उत्सव- जो भारत का राष्ट्रीय पर्व बन गया
भारत के लिए नेपाल कहीं बणवा- नल तो नहीं बनता जा रहा है------?
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